हाल में ग़ैर-हिंदुओं को चेतावनी देने वाले बोर्ड और मुस्लिम व्यापारियों और दुकानदारों के बहिष्कार झेलने वाले उत्तराखंड में अब मदरसा का मुद्दा उठ रहा है। बीजेपी के नेतृत्व वाली पुष्कर सिंह धामी सरकार ने मदरसों की पहचान करने का आदेश दिया है और राज्य में बिना पंजीकरण के चल रहे 200 से ज़्यादा मदरसों की पहचान की गई है। यही नहीं, अभी इनकी आगे की जाँच भी की जा रही है। कहाँ से इनको फंड मिलता है, दूसरे राज्यों से आए छात्रों की पूरी जानकारी क्या है। तो सवाल है कि आख़िर मदरसों की इतनी गहन जाँच क्यों की जा रही है?