उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में हाल में 'गैर हिंदुओं' को चेतावनी देने वाले बोर्ड लगे थे। इसमें 'रोहिंग्या मुसलमानों' और 'फेरीवालों' को चेतावनी दी गई थी। उनके गाँवों में घुसने या घूमने को प्रतिबंधित किया गया था। प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों को दंड देने की बात कही गई थी। वैसे, तो इन बोर्डों पर 'समस्त ग्रामवासी की आज्ञा से' पर लिखा था, लेकिन कई ग्रामीण इससे समहत भी नहीं हैं। ग्रामीण तो कहते हैं कि पहले उन्होंने ऐसी चीजें नहीं देखी थीं। तो सवाल है कि अब यह कैसे होने लगा है और कौन यह सब कर रहा है?