‘बीइंग मुस्लिम्स इन इंडिया’ किताब के लेखक जिया उस सलाम का कहना है कि “भारत में मुस्लिम दूसरे दर्जे के नागरिक हो गए हैं, अपने ही देश में एक अदृश्य अल्पसंख्यक बन गए हैं”।