‘बीइंग मुस्लिम्स इन इंडिया’ किताब के लेखक जिया उस सलाम का कहना है कि “भारत में मुस्लिम दूसरे दर्जे के नागरिक हो गए हैं, अपने ही देश में एक अदृश्य अल्पसंख्यक बन गए हैं”।
नेतृत्व की मंशा ने उत्तर प्रदेश को 'पुलिस स्टेट' बना दिया!
- विमर्श
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- वंदिता मिश्रा
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- 8 Dec, 2024

वंदिता मिश्रा
2020-21 में उत्तर प्रदेश के पुलिस थानों में, कस्टडी के दौरान, 451 नागरिकों की मौत हो गई, जबकि 2021-22 में मौतों का यही आंकड़ा बढ़कर 501 हो गया। ये किस किस्म का क़ानून का शासन है? ये किस तरह की प्रशासनिक शैली है? यह कैसा लॉ एंड ऑर्डर है?
चाहे ‘लव जिहाद’ का फर्जी नरेटिव हो या हर दूसरे शब्द के पीछे जिहाद जोड़ने का आधुनिक भाजपाई चलन (UPSC ज़िहाद, लैंड ज़िहाद, वोट जिहाद आदि), हर तरह से अल्पसंख्यकों को शर्मसार करने और अपराधी साबित करने की कोशिश की जा रही है। भगवान का व्यापार करके लाखों करोड़ों रुपये गरीब और लाचार भारतीयों से लूटने वाले, देवी- देवताओं के नाम पर अपनी दुकान चलाने वाले, ‘हिंदुओं की एकता’ के नाम पर अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हजारों गैलन ज़हर समाज में उड़ेल रहे हैं। और ताज्जुब की बात यह है कि ‘क़ानून के शासन’ के आधार पर चलने का वादा करने वाली भारत की सरकार चुप है।