हम धर्मनिरपेक्षों की समस्या यह है कि हमें देश की असली समस्याओं की पहचान नहीं है। देश की एक अत्यंत गंभीर समस्या 'लव जिहाद ' है, इसे हम आज तक समझ नहीं पाए। हम इस बात से जरा भी विचलित नहीं हुए कि शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी ने जहीर इक़बाल से शादी कर ली है। हमने सोचा कि कर ली होगी। ये दो वयस्कों का फ़ैसला है, इस ख़बर पर नज़र पड़ गई तो उसे पढ़ा और आगे बढ़ गए। हमें इस तरह का ख्याल आया ही नहीं, आ ही नहीं सकता है कि अगर शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी बेटी को बचपन से रामायण और महाभारत सुनाई होती तो ऐसी नौबत नहीं आती और शत्रुघ्न सिन्हा की 'श्री लक्ष्मी' को कोई और यानी कोई मुसलमान नहीं उठा ले जाता! इस तरह की सोच रखने के लिए हमें भी कुमार विश्वास होना पड़ता और वह हम हो नहीं सकते थे। इतनी 'काबिलियत' हासिल करना कोई आसान काम है!
दिमाग में आया- क्या कुमार विश्वास इन सज्जन का असली नाम है!
- व्यंग्य
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- 19 Jan, 2025

तो हमारी समस्या यह है कि हमें नहीं मालूम कि आज देश की असली समस्या 'लव जिहाद' हो चुकी है, हर मस्जिद के नीचे मंदिर होना बन चुकी है। धर्मांतरण मुख्य समस्या है…। पढ़िए, विष्णु नागर का व्यंग्य।
हमारे दिमाग में तो आज से पहले यह ख्याल तक नहीं आया कि क्या कुमार विश्वास इन सज्जन का असली नाम है? आया तब भी सोचा कि है तो भी ठीक है और नहीं है तो भी ठीक है! हमें इससे क्या लेना-देना! नाम कुछ और भी होता, तब भी करते तो यही, जो कर रहे हैं! हमें तो इनकी कविता में भी कभी दिलचस्पी नहीं रही। खाने- कमाने के लिए सब कुछ न कुछ करते हैं, ये भी कर रहे होंगे! और जब कविता करने के साथ ये कथा भी बांचने लगे तो लगा कि शायद कवि सम्मेलनों की कमाई से इनका घर नहीं चल पाता होगा तो बेचारे अतिरिक्त कमाई के लिए यह धंधा भी करने लगे होंगे! करें।