मणिपुर की हिंसा गुजरात के दंगों से क्यों की जा रही है? क्यों कहा जा रहा है कि जिस तरह गुजरात में दंगे होने दिए गए वैसे ही मणिपुर में हिंसा रोकी नहीं गई? क्या गुजरात की ही तरह सरकार, पुलिस और प्रशासन ने भी दंगाईयों का साथ दिया? क्या नरेंद्र मोदी की तरह बीरेन सिंह ने भी राजधर्म का पालन नहीं किया? क्या मणिपुर भी गुजरात की तरह संघ की प्रयोगशाला बना दी गई है?