2002 गुजरात दंगों का सच क्या है? क्या दंगों को लेकर ग़लत जानकारियाँ फैली हैं? दरअसल, पीएम मोदी ने उन गुजरात दंगों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है जिनको लेकर लंबे समय तक वह विवादों में रहे और जिन पर तरह-तरह के सवाल उठते रहे।
पीएम मोदी ने 2002 गुजरात दंगों पर तोड़ी चुप्पी, क्या बदल जाएगी धारणा?
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- 16 Mar, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 2002 गुजरात दंगों पर खुलकर बात की। पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में उन्होंने क्या दावा किया और इससे उनकी छवि पर क्या असर पड़ सकता है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह चुप्पी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ तीन घंटे की बातचीत में तोड़ी है। उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर फैली 'ग़लत सूचनाओं' को चुनौती दी है। उन्होंने दावा किया कि इन दंगों को राज्य के इतिहास में सबसे बड़े दंगे के रूप में पेश करना ग़लत है, क्योंकि गुजरात में दशकों से सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएँ होती रही हैं। पीएम मोदी का यह बयान न केवल उस दौर की घटनाओं को नए नज़रिए से पेश करने की कोशिश करता है, बल्कि मोदी के नेतृत्व और गुजरात के विकास मॉडल पर भी बहस को जन्म देता है।