आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह सम्मेलन हर साल होने वाले तीन दिवसीय रायसीना डायलॉग से ठीक एक दिन पहले आयोजित किया गया है। रायसीना डायलॉग इस साल 17 से 19 मार्च तक हो रहा है। इस बार का सम्मेलन और डायलॉग दुनियाभर में हो रहे घटनाक्रमों की वजह से काफी महत्वपूर्ण बन गया है।
सम्मेलन में फाइव आईज देशों (ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम, और अमेरिका) के प्रमुखों की मौजूदगी रही, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इन देशों के प्रमुखों की कोई अलग बैठक हुई या नहीं। कनाडा के जासूस प्रमुख डैनियल रॉजर्स की भारत यात्रा भी चर्चा में है, क्योंकि यह भारत और कनाडा के बीच हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर तनावपूर्ण रिश्तों के बाद हो रही है।
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड, ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल और न्यूजीलैंड के खुफिया प्रमुख एंड्रयू हैम्पटन की मौजूदगी ने इस जमावड़े को महत्वपूर्ण बना दिया है।
दूसरी तरफ सोमवार से शुरू हुए रायसीना डायलॉग में लगभग 125 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। जिनमें मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष, सैन्य कमांडर, उद्योग प्रमुख, प्रौद्योगिकी नेता, शिक्षाविद, पत्रकार, सामरिक मामलों के विद्वान, अग्रणी थिंक टैंक के विशेषज्ञ शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि 2025 के सम्मेलन में तमाम निर्णयकर्ता और विचारक विभिन्न प्रारूपों में छह विषयों पर बातचीत के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ेंगे, जिसमें राजनीति में बाधा, डिजिटल एजेंट, उग्रवाद का व्यापार और शांति में निवेश:आदि शामिल हैं।
भारत 2022 से ऐसे सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। जब खुफिया प्रमुखों ने रायसीना डायलॉग के बहाने अपनी सीक्रेट बैठकें भी अलग से कीं। इस कार्यक्रम में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन भी पांच दिवसीय यात्रा पर आए हैं। वो सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यापक चर्चा करेंगे। लक्सन प्रधानमंत्री के रूप में भारत की अपनी पहली यात्रा पर हैं। उनके साथ न्यूजीलैंड का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी है।
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