बीबीसी की गुजरात फिल्म पर हंगामा जारी है । जेएनयू में फिल्म की स्क्रीनिंग ने हो इसलिये बिजली काट दी गयी, इंटरनेट को बंद कर दिया गया, फिल्म देखने वालों पर पत्थर फेंके गये । जामिया में पुलिस बुला ली गई ? आख़िर इतनी घबराई हुयी क्यों है सरकार ? क्या प्रधानमंत्री को इस फिल्म ये इतना डर लगता है ?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।