महात्मा गांधी पर जिस तरह से आरएसएस और बीजेपी से जुड़े लोग हमले कर रहे हैं, उससे राष्ट्रपिता का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है। आप 30 जनवरी को बेशक गांधी की फोटो पर गोलियां बरसाते रहें लेकिन गांधी के विचारों को दुनिया से मिटाया नहीं जा सकता। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग की नजर से गांधी को आधुनिक संदर्भ में जानिएः
ऐसे दौर में जब गांधी जी के हत्यारे और आतंकवादी गोडसे को उनके समकक्ष खड़ा किया जा रहा हो, ऐसे में बीबीसी के पूर्व संपादक शिवकांत ने गांधी जी के बहुआयामी व्यक्तित्व का जिक्र किया है। शिवकांत के विचार इसलिए पढ़े जाने चाहिए, ताकि गांधी को गोडसे की संतानों के दौर में आसानी से समझा जा सके।
फिल्म गांधी गोडसेः एक युद्ध फिल्म पर बहस जारी है। इसके लेखक असगर वजाहत ने इस पर अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने लिखा है कि लोग पहले फिल्म देखें, फिर टिप्पणी करें। सोशल मीडिया पर इस फिल्म की धज्जियां उड़ रही हैं।
आज 30 जनवरी है यानी महात्मा गांधी का शहीद दिवस। गांधी की शहादत पर बहस आज भी जारी है। खैर अब तो गोडसे का महिमा मंडन करने वालों की एक पूरी जमात तैयार हो चुकी है। इस लेख में लेखक-पत्रकार अपूर्वानंद ने गांधी को अपने नजरिए से समझने की कोशिश की है।