मेरी इच्छा यही है कि लोग 'गांधी गोडसे : एक युद्ध' फिल्म देखें और उसके बाद उस पर अपनी राय दें। तर्कसंगत आलोचना/ समीक्षा मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत पसंद है। मैं मानता हूं कि प्रशंसा से अधिक महत्व आलोचना का है क्योंकि प्रशंसा से कुछ सीखा नहीं जा सकता लेकिन आलोचना और समीक्षा से कुछ सीखा जा सकता है। कोई भी रचना परफेक्ट नहीं हो सकती। इसलिए आलोचना की सभी संभावनाओं का स्वागत है।
"गांधी गोडसे: एक युद्ध" फिल्म पर एक अधूरा नोट
- सिनेमा
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- 29 Mar, 2025
फिल्म गांधी गोडसेः एक युद्ध फिल्म पर बहस जारी है। इसके लेखक असगर वजाहत ने इस पर अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने लिखा है कि लोग पहले फिल्म देखें, फिर टिप्पणी करें। सोशल मीडिया पर इस फिल्म की धज्जियां उड़ रही हैं।
