पिछले तीन-चार महीनों से दिल्ली पुलिस सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ आंदोलन करने वालों के ख़िलाफ़ अभियान चला रही है। इसके तहत उसने बहुत से मुस्लिम छात्र-छात्राओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार करके जेल में डाल दिया है। दिल्ली पुलिस के इन अत्याचारों का देश ही नहीं दुनिया भर में विरोध हो रहा है, मगर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी पार्टी कुछ नहीं बोल रही। क्या केजरीवाल डर गए हैं, क्या उन्होंने केंद्र सरकार से डील कर ली है या फिर उन्हें चुप रहना ही था क्योंकि वे थे ही बीजेपी की बी टीम?