उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस पर बर्बरता करने के आरोप लगे हैं। पुलिस पर यह भी आरोप लगे कि उसने मुसलिम समुदाय के घरों में घुसकर बुजुर्गों, महिलाओं, नौजवानों को जमकर पीटा है। प्रदेश में इस क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान 20 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस क़ानून के विरोध में प्रदर्शन करने वाले हज़ारों लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस ने अंधाधुंध एफ़आईआर दर्ज की हैं और सैकड़ों बुद्धिजीवियों, छात्रों, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को कार्रवाई के नाम पर जेलों में ठूंस दिया है। उपद्रवियों से ‘बदला’ लेने का बयान देने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस सबके बाद प्रदेश की विधानसभा में पुलिस की पीठ भी थपथापते हैं।