महाराष्ट्र सरकार के राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के फैसले का राज्य की भाषा सलाहकार समिति ने कड़ा विरोध किया है। समिति ने इस निर्णय को भाषाई और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए हानिकारक बताते हुए सरकार से इसे रद्द करने की मांग की है।