बाबूलाल मरांडी
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बाबूलाल मरांडी
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पूर्णिमा दास
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अयोध्या में मार्च के अंतिम सप्ताह में राम मंदिर का शिलान्यास कर दिया जाएगा और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के एन पहले इसका एक हिस्सा श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। बीजेपी और मुख्यमंत्री योगी ने साफ़ संकेत दिए हैं कि दो दशक के बाद एक बार फिर से यूपी विधानसभा चुनाव में राम मंदिर ही पार्टी का मुख्य मुद्दा होगा।
मंदिर निर्माण को लेकर रुठे संतों की नाराजगी भी दूर कर ली गयी है। राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को मंदिर निर्माण के लिए गठित श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में शामिल कर लिया गया है। उन्हें ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया है। विश्व हिन्दू परिषद के चंपत राय को भी ट्रस्ट में शामिल करते हुए महासचिव बनाया गया है। गौरतलब है कि ट्रस्ट में नृत्यगोपाल दास का नाम न होने पर संतों ने नाराजगी जतायी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उनके प्रधान सचिव रहे यूपी कैडर के आईएएस अफ़सर नृपेंद्र मिश्रा को मंदिर के लिए बनायी गयी भवन निर्माण समिति का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। यूपी कैडर के आईएएस अफ़सर व मुख्यमंत्री योगी के खास अवनीश अवस्थी और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा को भी ट्रस्ट में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।
मंदिर का निर्माण कई चरणों में होगा और पहला चरण 2022 में पूरा करते हुए इसके प्रथम तल को श्रद्धालुओं के खोल दिया जाएगा। मंदिर में पूजा की शुरुआत यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले कर दी जाएगी। लोकसभा चुनाव 2024 तक राम मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। आने वाले दो सालों में समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए जनता को मंदिर निर्माण से जोड़ने का अभियान चलाने का काम बीजेपी और संघ करेंगे।
मंदिर निर्माण के लिए तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद से तीन दशकों से कारसेवकपुरम में चल रहा पत्थर तराशने का काम बंद हो गया है। विहिप की इस कार्यशाला में मंदिर के लिए पत्थरों को तराशा जा रहा था। कार्यशाला प्रभारी का कहना है कि अब मंदिर निर्माण समिति ही आगे का काम करेगी। हालांकि उनका कहना है कि तराशे गए पत्थरों का इस्तेमाल मंदिर निर्माण में होगा और मंदिर विहिप के तैयार किए गए मॉडल के मुताबिक़ ही होगा।
बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रस्ट की पहली बैठक के साथ ही विधानसभा चुनाव 2022 का एजेंडा भी सेट कर दिया है। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर योगी ने कहा कि रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले उनसे क़ानून-व्यवस्था का सवाल न ही पूछें तो बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च अदालत ने भी राम भक्तों की आस्था का सम्मान किया है और जल्द ही मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा।
योगी अपने बजट में अयोध्या के लिए कई घोषणाएं पहले ही कर चुके हैं। अयोध्या में राम की विशाल मूर्ति पर भी मार्च में ही काम शुरू हो जाएगा। इंडोनेशिया की तर्ज पर अयोध्या में प्रस्तावित धर्मनगरी इच्छवाकुपुरी का भी काम जल्दी ही शुरू होगा। कुल मिलाकर आने वाले दो सालों में उत्तर प्रदेश में अयोध्या ही छाया रहेगा और सरकार इसे विधानसभा चुनाव तक हर किसी तक पहुंचाना चाहती है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की पहली बैठक बुधवार को प्रमुख न्यासी के. पराशरण के घर पर हुई। पराशरण ने दिल्ली में अपने ग्रेटर कैलाश के घर को ट्रस्ट के दफ्तर के लिए सौंप दिया है। ट्रस्ट के स्थायी सदस्य स्वामी गोविंददेव गिरी को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गयी। यह भी तय किया गया कि ट्रस्ट का बैंक खाता अयोध्या में एसबीआई में खोला जाएगा जिसका संचालन स्वामी गोविंददेव गिरी, चंपत राय व सदस्य अनिल मिश्रा करेंगे। ट्रस्ट का स्थायी कार्यालय अयोध्या में होगा जिसके लिए जमीन राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा व अनिल मिश्रा तलाशेंगे।
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