लगभग चुनावी मोड में आ चुकी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को यह आभास हो गया है कि जीत के लिए राम का सहारा चाहिए। वैसे तो उत्तर प्रदेश में चुनाव अभी दो साल बाद होना है पर योगी सरकार ने राम नाम की बिसात बिछानी शुरू कर दी है। राम मंदिर विवाद हल हो जाने के बाद भी अयोध्या योगी सरकार की प्राथमिकता सूची में है। अयोध्या में अपने कामों के सहारे योगी सरकार वह फिजा बनाना चाहती है जो अगले विधानसभा चुनावों में वोटों के लिए मुफीद साबित हो सके। साल दर साल के सालाना बजट से लेकर अनुपूरक माँगों में अयोध्या की बढ़ती हिस्सेदारी इसी का नमूना है।
यूपी: बजट में अयोध्या पर मेहरबानी क्यों, आख़िरकार राम के सहारे योगी सरकार?
- उत्तर प्रदेश
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- 18 Feb, 2020
लगभग चुनावी मोड में आ चुकी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को यह आभास हो गया है कि जीत के लिए राम का सहारा चाहिए। वैसे तो उत्तर प्रदेश में चुनाव अभी दो साल बाद होना है पर योगी सरकार ने राम नाम की बिसात बिछानी शुरू कर दी है।

मंगलवार को पेश किए गए योगी सरकार के बजट में अयोध्या के लिए क़रीब 600 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। अयोध्या में योगी सरकार की एक अत्याधुनिक धर्मनगरी इक्ष्वाकुपुरी के नाम से भी बसाने की योजना है। अयोध्या में भगवान राम की विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली मूर्ति की स्थापना पर तेज़ी से काम चल रहा है।