भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन एक बार फिर चर्चा में है। इस मिशन के तहत एक नल कनेक्शन की लागत को 30,000 रुपये से बढ़ाकर 1,37,500 रुपये करने के निर्णय ने कई सवाल खड़े किए हैं। वित्त मंत्रालय ने पूछा है कि क्या यह बढ़ोतरी वाक़ई में औचित्यपूर्ण है। इससे योजना की प्रगति और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं?
जल जीवन मिशन का लक्ष्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था। जल जीवन मिशन को प्रधानमंत्री ने 2019 में स्वतंत्रता दिवस पर शुरू किया था। इसका लक्ष्य 31 दिसंबर, 2024 तक 16.36 करोड़ परिवारों को नल जल कनेक्शन देना था। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पांच साल से कुछ अधिक समय में दिसंबर 2024 तक केवल 12.17 करोड़ यानी लक्ष्य का लगभग 75% नल कनेक्शन किए जा सके। जल शक्ति मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया कि बाक़ी 3.96 करोड़ परिवारों को कनेक्शन देने का कार्य अगले चार वर्षों में यानी 31 दिसंबर 2028 तक पूरा किया जाए। वित्त मंत्री ने 2025-26 के लिए इस मिशन के लिए पहले ही 67,000 करोड़ रुपये का प्रावधान कर दिया है।