नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ जाफराबाद में शांतिपूर्वक प्रदर्शन में आख़िर ऐसा क्या हो गया कि इतने बड़े स्तर पर हिंसा हो गई और एक पुलिसकर्मी सहित पाँच लोगों की मौत हो गई? इस हिंसा से पहले वहाँ क्या-क्या हुआ और इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है? यदि इन सवालों का जवाब ढूंढना है तो उसके पहले के घटनाक्रमों को देखना होगा। सड़क पर बैठ कर किया जा रहा यह प्रदर्शन रविवार को तब तक शांतिपूर्ण था जब तक कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने प्रदर्शनकारियों के विरोध में वहाँ नागरिकता क़ानून के समर्थन में रैली नहीं निकाली थी। मिश्रा ने अपने समर्थकों के साथ जब रैली निकाली तो उस दौरान नागरिकता क़ानून का विरोध करने वालों के साथ झड़प हुई। दोनों ओर से पत्थरबाज़ी हुई। मिश्रा ने वीडियो जारी किया और फिर प्रदर्शनकारियों को धमकी भी दी। यह सब पुलिस के सामने हुआ।