राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिंसा पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की नींद तीन दिन बाद अब खुली है। वह भी आधी रात को। या यूँ कहें कि वह अब होश में आए हैं। वह भी तब जब यह हिंसा पूरी तरह बेकाबू हो गई।
दिल्ली के जाफराबाद-मौजपुर में हिंसा क्यों नहीं रुक रही है? वह भी तब जब गृह मंत्री अमित शाह ख़ुद जुटे। देर रात को बैठक ली और फिर दोपहर में भी। इसके बावजूद पथराव और आगजनी क्यों जारी है? क्या गृह मंत्री विफल साबित हो रहे हैं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी और मुकेश कुमार की चर्चा।
जाफराबाद-मौजपुर हिंसा के लिए ज़िम्मेदार कौन है? हिंसा में कम से कम सात लोगों की मौत हो चुकी है और क़रीब 100 लोग घायल हो गए हैं। अभी भी हिंसा रुकी नहीं है। आख़िर किसने भड़काई हिंसा? देखिए शैलेश की रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ चर्चा।
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ जाफराबाद में शांतिपूर्वक प्रदर्शन में आख़िर ऐसा क्या हो गया कि इतने बड़े स्तर पर हिंसा हो गई और एक पुलिसकर्मी सहित पाँच लोगों की मौत हो गई? इस हिंसा से पहले वहाँ क्या-क्या हुआ और इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है?