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दिल्ली पुलिस ने माना : सीएए आन्दोलन की कलिता के ख़िलाफ़ वीडियो साक्ष्य नहीं

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ आन्दोलन करने वालों के प्रति दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने यह माना है कि पिंजड़ा तोड़ आन्दोलन की देवांगना कलिता के ख़िलाफ़ कोई वीडियो सबूत उसके पास नहीं है। इसके बावजूद उसने कलिता की ज़मानत याचिका का अदालत में विरोध किया है।

'हेट स्पीच का वीडियो नहीं है'

इंडियन एक्सप्रेस ने एक ख़बर में कहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट में कलिता की ज़मानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने यह साफ़ तौर पर मान लिया कि उसके पास यह साबित करने के लिए कोई वीडियो सबूत नहीं है कि कलिता ने लोगों को हिेंसा के लिए उकसाया था।
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जज सुरेश कुमार कैत ने एडिशनल सॉलीसिटर जनरल एस. वी. राजू से बार-बार पूछा कि क्या ज़फ़राबाद में दिए गए कलिता के भाषण या उसके किसी हिस्से का वीडियो उनके पास है।

क्या कहा दिल्ली पुलिस ने?

राजू ने कहा कि 'कलिता दिसंबर 2019 में दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाक़ों में कई बार गईं, वहां की अशिक्षित महिलाओं को सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ भड़काया और नफ़रत फैलाने वाली स्पीचें दीं। उन्होंने कहा कि पहले मुसलमानों को काग़ज़ात दिखाने को कहा जाएगा, फिर उन्हें देश से बाहर निकाल दिया जाएगा।'
जज कैत ने पूछा कि 'क्या उनके पास इससे जुड़ा कोई वीडियो है। मीडिया या किसी भी दूसरे आदमी द्वारा रिकॉर्ड किया गया कोई वीडियो हमें दिखाएं जिसमें वह भीड़ को उकसाने वाली बात अपने भाषण में कह रही हो।'दिल्ली पुलिस का पक्ष रखने वाले एडिशनल सॉलीसिटर जनरल के यह कहने पर वहां मीडिया के लोग मौजूद नहीं थे, जज ने कहा, 'पुलिस तो मौजूद रही होगी, किसी ने तो रिकॉर्डिंग की होगी।'

जाँच अधिकारी ने क्या कहा?

दिल्ली पुलिस की ओर से पैरवी कर रहे विशेष सरकारी वकील राजीव किशन शर्मा ने कहा कि कलिता के फ़ोटोग्राफ़ और वीडयो जाँच अधिकारी के पास हैं।
जाँच अधिकारी ने अदालत में कहा कि उनके पास देवांगना कलिता के भाषण का वीडियो है, जिससे उनकी मौजूदगी साबित होती है, पर उसमें नफ़रत फैलाने वाली बात नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि दंगे के पहले जब कलिता वहां गई थीं, वहां बैठी हुई थीं, उसका वीडियो है, पर हेट स्पीच देता हुआ वीडियो नहीं है।
बता दें कि महिला आन्दोलन से जुड़ी संस्था पिंजड़ा तोड़ की देवागंना कलिता पर जफ़राबाद में दंगे फैलाने का आरोप है। वह मई से जेल में बंद हैं, पर उन्हें अब तक इस मामले में ज़मानत नहीं मिली है।
उनकी ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि जाँच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, इसलिए कलिता की पुलिस हिरासत अब ज़रूर नहीं, उन्हें अब ज़मानत मिल जानी चाहिए। पर दिल्ली पुलिस इसका विरोध कर रही है।
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क़मर वहीद नक़वी
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