मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दिये हलफ़नामे में कहा है कि इस क़ानून को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती। लेकिन सरकार ऐसा नहीं कह सकती क्योंकि सुप्रीम कोर्ट सरकार के द्वारा बनाये गये किसी भी क़ानून की न्यायिक समीक्षा कर सकता है। अगर सरकार ऐसा कहती है तो यह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश होगी। सुनिए, क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।