उत्तर प्रदेश में कांग्रेस साढ़े तीन दशकों से सत्ता से बाहर क्यों है? आख़िर किस वजह से वह ऐसी स्थिति में पहुँची है? क्या कांग्रेस द्वारा किए गए तरह-तरह के प्रयोग जिम्मेदार है? पढ़िए, एट द पावर, द हार्ट ऑफ पावर, चीफ मिनिस्टर्स ऑफ उत्तर प्रदेश में क्या दावा किया गया है।
राहुल गांधी अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। यह ऐलान शुक्रवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने किया है। उत्तर प्रदेश में पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने के अगले दिन उन्होंने यह दावा किया है।
उत्तर प्रदेश की प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किस आधार पर प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव किया है? जानिए, क्या इस नये प्रयोग का कुछ फायदा होगा?
बृजलाल खाबरी को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का भरोसेमंद माना जाता है। क्या वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को फिर से जिंदा कर पाएंगे?
उत्तर प्रदेश में पस्त हो चुकी कांग्रेस इन दिनों नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन के काम में जुटी है। लेकिन जिस नेता को यह जिम्मेदारी मिलेगी, क्या वह राज्य में कांग्रेस को खड़ा कर पाएगा?
प्रियंका ने कहा कि चुनाव के दौरान विकास के मुद्दों पर बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग राजनीतिक दलों को मजबूर करें कि वे जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ें।
अगर राज बब्बर पार्टी छोड़ते हैं तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को कुछ ही दिनों के भीतर यह एक और झटका होगा। चंद दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने भी कांग्रेस छोड़ दी थी और बीजेपी का हाथ पकड़ लिया था।
आरपीएन सिंह कल तक कांग्रेस के स्टार प्रचारक थे अब वे भाजपा में प्रचारक बन गए हैं . दगे हुए कारतूस से भाजपा कितना लड़ पाएगी और कांग्रेस इस लड़ाई में कितना टिक पाएगी ?समझेंगे आज जनादेश चर्चा में
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह बीजेपी में शामिल । ‘कांग्रेस जो लड़ाई लड़ रही है उसे कायर नहीं लड़ सकते हैं’
आरपीएन सिंह वर्तमान में झारखंड में कांग्रेस के प्रभारी थे और कल ही कांग्रेस ने उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में जगह दी थी।