महीनों से चल रही कशमकश के बाद आखिरकार पश्चिम उत्तर प्रदेश के ताकतवर अल्पसंख्यक चेहरे व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद ने पार्टी छोड़कर अखिलेश यादव के साथ जाने का फैसला कर लिया है। उनके साथ कांग्रेस के दो वर्तमान विधायक भी पाला बदल सकते हैं।
राहुल गांधी के खास लोगों में शुमार इमरान मसूद पश्चिम उत्तर प्रदेश में सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर सहित कई जिलों में प्रभाव रखते हैं।
पिछले चुनाव में इमरान 80000 से ज्यादा वोट पाकर चुनाव हार गए थे पर उनके असर के चलते सहारनपुर में कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं।
अब इमरान के सपा में जाने पर ये दोनों विधायक भी उनके ही साथ होंगे। इससे पहले पश्चिम में कांग्रेस के मजबूत नेता पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और उनके पूर्व विधायक बेटे पंकज मलिक भी कुछ दिन पहले पार्टी छोड़ सपा में चले गए थे।
समर्थकों के साथ की बैठक
कांग्रेस छोड़ने का फैसला करने से पहले इमरान मसूद ने अपने समर्थकों की एक बैठक सोमवार को सहारनपुर में बुलायी थी। बैठक में साथियों से मशविरे के बाद उन्होंने कहा कि नौजवानों, किसानों, विकास वाली सरकार, महिलाओं को सुरक्षा देने वाली सरकार के लिए अखिलेश यादव को समर्थन दिया जाएगा। इमरान ने कहा कि जल्द ही वह अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल होंगे।
इमरान मसूद ने अब अखिलेश यादव से मिलने के लिए समय मांगा है। हालांकि इससे पहले भी बीते महीने उनकी अखिलेश यादव से मुलाकात हुयी थी। गौरतलब है कि इमरान पहले भी सपा में रह चुके हैं। इमरान के चाचा काजी रशीद मसूद सपा से सांसद रह चुके हैं।
इमरान मसूद के कांग्रेस छोड़ने के एलान के बाद से ही दो विधायकों को लेकर भी चर्चा तेज हो गयी है। ये दोनों विधायक सहारनपुर के हैं और इन्हें टिकट दिलवाने से लेकर जितवाने तक में इमरान मसूद की बड़ी भूमिका रही है। कांग्रेस के सहारनपुर विधायक नरेश सैनी और विधायक मसूद अख्तर का इमरान के साथ ही सपा में जाना तय बताया जा रहा है।
इनमें से एक विधायक तो सोमवार को इमरान की बैठक में भी मौजूद थे जबकि दूसरे विधायक उन्हीं के परिवार के सदस्य हैं।
लंबे वक्त से थी चर्चा
इससे पहले भी इमरान के सपा में जाने की खबरें चर्चा में आयी थीं पर वो राहुल से संबंधों का हवाला देते हुए इससे इंकार करते रहे। एक बार तो उन्होंने यहां तक कहा था कि मेरे लोगों का बहुत दबाव है सपा में जाने का पर मेरे पैरों में राहुल गांधी की मोहब्बत की जंजीर पड़ी है।
राहुल के करीबी थे इमरान
इमरान मसूद के सीधे संबंध गांधी परिवार से हैं और वो राहुल गांधी के खास लोगों में शुमार थे। इमरान मसूद ने जब 2014 में बोटी बोटी काटने वाला विवादित बयान दिया था तो राहुल गांधी उनके साथ खड़े हुए थे। पश्चिम में टिकटों का बंटवारा हो या पदाधिकारियों की नियुक्ति गांधी परिवार हमेशा इमरान को तरजीह देता रहा है।
हालांकि बीते दो महीनों से इमरान कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और तमाम अनुरोध के बाद भी किसी तरह की जिम्मेदारी लेने से भी बच रहे थे।
कांग्रेस में बचेंगे तीन विधायक
पिछले विधानसभा चुनावों में सात सीटें जीतने वाली कांग्रेस पार्टी के दो और विधायकों के पाला बदलने की स्थिति में महज तीन विधायक रह जाएंगे। कांग्रेस के रायबरेली विधायक राकेश प्रताप सिंह और अदिति सिंह पहले ही किनारा कर बीजेपी में जा चुके हैं।
सहारनपुर के दोनों विधायकों- मसूद अख्तर और नरेश सैनी के पार्टी छोड़ने के बाद बस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना और कानपुर के विधायक सोहेल अंसारी ही बचते हैं।
कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य दिनेश सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं।
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