उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में कांग्रेस अब शून्य होने वाली है। साल 1935 में विधान परिषद के गठन के बाद यह पहला मौका होगा जब इस सदन में कांग्रेस का कोई भी नेता मौजूद नहीं होगा। सदन में कांग्रेस के अकेले एमएलसी दीपक सिंह 6 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं।
यूपी: विधान परिषद में पहली बार शून्य हो जाएगी कांग्रेस
- उत्तर प्रदेश
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- 18 May, 2022
क्या कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में कभी अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाएगी? पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है और उसके मजबूत होने की कोई वजह नजर नहीं आती।

दीपक सिंह कांग्रेस के पुराने नेता हैं और साल 2016 में विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे।
उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व शून्य होने की खबर राज्य के कांग्रेसियों के टूटे हुए मनोबल को और तोड़ सकती है क्योंकि विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत लगाने के बाद भी पार्टी ढाई से तीन फीसद वोट ही हासिल कर सकी थी और उसे दो ही सीट नसीब हुई।