कश्मीर फ़ाइल्स को प्रोपेगंडा और भद्दी फ़िल्म बताए जाने पर सत्तारूढ़ दल तिलमिला क्यों गया है? क्या भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में निर्णायक मंडल के अध्यक्ष के बयान ने सरकार के समर्थन वाली इस फिल्म को विश्व स्तर पर बेनकाब कर दिया है? क्या इस्रायली राजदूत को सरकार के दबाव में नदाव लपिड के ख़िलाफ़ बयान देना पड़ा है? विवेक अग्निहोत्री की सफ़ाई से क्या सचाई छिप सकती है?