ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका यानी ब्रिक्स देशों के अनौपचारिक समूह का शिखर सम्मेलन रूस के कज़ान में हो रहा है। जानिए, पीएम चीन के राष्ट्रपति से मिलेंगे या नहीं।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन से रूस पर हमले को लेकर पश्चिमी देशों को परमाणु हमले की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ दुनिया में विश्व युद्ध का खतरा मंडरा उठा है। क्योंकि अधिकांश पश्चिमी देश रूस और यूक्रेन के संघर्ष में यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं। उधर इजराइल को भी हथियार दिये जा रहे हैं ताकि वो फिलिस्तीन और लेबनान पर हमलों को और बढ़ा सके।
कीव से नई दिल्ली वापसी के सिर्फ़ तीन दिन बाद ही रूस ने यूक्रेन पर अपना अब तक का सबसे बड़ा हमला कर दिया। देश को जानकारी मिलना बाक़ी है कि मोदी यूक्रेन क्यों गए थे?
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा इस मुलाकात से उन्हें घोर निराशा हुई है। अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन के मुद्दे पर भारत-रूस की बातचीत और बयान यूएन के दायरे में होना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई चर्चा में कई मुद्दों को उठाया गया है। जानिए, पीएम मोदी ने युद्ध को लेकर पुतिन को क्या कहा।
कई भारतीयों को ऐसे ही धोखे से या जबरन रूसी सैनिकों में शामिल किए गए भारतीयों को यूक्रेन युद्ध में शामिल होने की रिपोर्टें हैं और सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई गई है। जानिए, विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है।
पंजाब-हरियाण के 7 युवाओं का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उन्होंने रूस से रिहा कराने के लिए गुहार लगाई है। जानिए, उन्होंने वीडियो में क्या आरोप लगाया है कि कैसे उन्हें यूक्रेन युद्ध में झोंका जा रहा है।
सिक्योरिटी हेल्पर के तौर रूसी सेना में शामिल हुए गुजरात के युवक की युद्ध क्षेत्र में मौत के बाद सिक्योरिटी हेल्पर के तौर पर रूसी सेना में शामिल हुए लोगों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। जानिए, ऐसी ही ख़बरों को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है।
भारतीय रंग महोत्सव में प्रदर्शित यह नाटक रूस के कलाकारों के संघर्ष को भी बयान करता है। इस नाटक को वरिष्ठ पत्रकार शैलेश ने पूरी गंभीरता के साथ देखा है, आप भी जानिएः
यूक्रेन के प्रभारी इवान कोनोवलोव ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने की मांग वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में मतदान से भारत का बाहर रहना हमारे लिए एक 'संवेदनशील मुद्दा' है। कीव नई दिल्ली के समर्थन पर भरोसा करता है।