हमने अपने प्रधानमंत्री को पिछले दस-ग्यारह सालों के दौरान या उसके भी पहले के बारह-तेरह सालों में जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे किसी रेलवे स्टेशन पर, ट्रेन की किसी बोगी के पास या उसकी किसी सीट पर बैठे हुए कब देखा होगा? याददाश्त पर ज़ोर डालकर देखिए शायद ऐसा कोई चित्र ध्यान में आ जाए! प्रधानमंत्री स्वयं (और उनके जीवनीकार) कहते नहीं अघाते कि मोदी उत्तरी गुजरात के वडनगर स्टेशन पर चाय बेचने के काम में पिता की मदद करते थे।
मोदी यूक्रेन क्यों गए थे? इतनी विदेश यात्राएँ क्यों करते हैं?
- विचार
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- श्रवण गर्ग
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- 1 Sep, 2024


श्रवण गर्ग
कीव से नई दिल्ली वापसी के सिर्फ़ तीन दिन बाद ही रूस ने यूक्रेन पर अपना अब तक का सबसे बड़ा हमला कर दिया। देश को जानकारी मिलना बाक़ी है कि मोदी यूक्रेन क्यों गए थे?
मोदी के पहली बार शपथ लेते ही दुनिया भर में मशहूर हो गया था कि एक चाय बेचने वाले का बेटा 130 करोड़ लोगों के देश का प्रधानमंत्री बन गया है! मोदीजी और ट्रेन के जो दृश्य याद आते हैं उनमें एक शायद यह है कि वे दिल्ली में किसी मेट्रो में कुछ यात्रियों के साथ बैठे संक्षिप्त यात्रा कर रहे हैं। कुछ महत्वपूर्ण रेलगाड़ियों के शुभारंभ पर हरी झंडी दिखाने की घटनाओं को भी शामिल किया जा सकता है।