सिक्योरिटी हेल्पर यानी सुरक्षा सहायक के तौर रूसी सेना में काम करने वाले भारतीयों को लेकर चिंताओं और रिपोर्टों पर भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि रूसी सेना में काम कर रहे भारतीय छोड़े जाने के लिए मदद मांग रहे हैं। इसने कहा है कि प्रत्येक मामले को रूसी अधिकारियों के साथ दृढ़ता से उठाया गया है। विदेश मंत्रालय का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले ही ख़बर आई है कि सिक्योरिटी हेल्पर के तौर रूसी सेना में काम करने वाले गुजरात के एक युवक की युद्ध क्षेत्र में मौत हो गई।
रिपोर्ट है कि रूस में 23 साल के एक गुजराती युवक की मिसाइल हमले में मौत हो गई। वह सिक्योरिटी हेल्पर के तौर रूसी सेना में शामिल हुआ था। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार हमले से बचकर निकले एक अन्य भारतीय कर्मचारी ने उसके बारे में जानकारी दी है। उसने कहा है कि 21 फरवरी को यूक्रेनी हवाई हमले में रूसी सेना द्वारा सुरक्षा सहायक के रूप में नियुक्त किया गया गुजरात का 23 वर्षीय व्यक्ति मारा गया। रिपोर्ट के अनुसार उसको फायरिंग करने की ट्रेनिंग दी जा रही थी, उसी समय मिसाइल से हमला हुआ। इस हमले में युवक की जान चली गई।
द हिन्दू ने ख़बर दी है कि सूरत जिले का निवासी हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया दिसंबर 2023 में रूस गये थे और रूसी सेना से जुड़ गये थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस महीने की शुरुआत में हेमिल के पिता की ओर से भारतीय वाणिज्य दूतावास को पत्र लिखकर उसे घर वापस लाने में मदद मांगी गई थी। यह भी कहा गया है कि रूसी सेना के साथ अनुबंध पर कई अन्य भारतीयों ने भी दूतावास से संपर्क किया।
इसको लोकर भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कुछ मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'हमने रूसी सेना से छुट्टी के लिए मदद मांगने वाले भारतीयों के संबंध में मीडिया में कुछ ग़लत रिपोर्टें देखी हैं।'
Media reports regarding Indian nationals seeking discharge from the Russian Army:https://t.co/khl2aGAF2h pic.twitter.com/QmLC8WS5TR
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) February 26, 2024
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि वह प्रतिबद्ध है और रूसी सेना से भारतीयों की शीघ्र रिहाई सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय है।
पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था कि भारत रूसी सेना के सहायक कर्मचारियों के रूप में काम कर रहे भारतीय नागरिकों की शीघ्र छुट्टी के लिए मास्को के संपर्क में है और अपने नागरिकों से यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्र से दूर रहने का आग्रह किया है। रणधीर जयसवाल ने कहा था, 'हम सभी भारतीय नागरिकों से उचित सावधानी बरतने और इस संघर्ष से दूर रहने का आग्रह करते हैं।'
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