रूस और उक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से बाहरी दुनिया को यह भ्रम है कि वहां सब कुछ युद्ध के इर्द गिर्द घूम रहा है। लेकिन एक वास्तविकता ये भी है कि जीवन का उत्सव वहां अब भी मौजूद है। वैसे एक कलाकार का जीवन भी युद्ध जैसा ही है। रूस से आया नाटक " क़ास्टिंग" कलाकार के जीवन में मौजूद इसी संघर्ष पर आधारित है। इसे भारतीय नाट्य विद्यालय (एन एस डी) के रंग महोत्सव में प्रस्तुत किया गया। कलाकार के जीवन में एक भयावह और एक उत्साह जनक अनुभव हमेशा मौजूद रहता है।

भारतीय रंग महोत्सव में प्रदर्शित यह नाटक रूस के कलाकारों के संघर्ष को भी बयान करता है। इस नाटक को वरिष्ठ पत्रकार शैलेश ने पूरी गंभीरता के साथ देखा है, आप भी जानिएः
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक