अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट से कम से कम 13 शहरों से दैनिक फ्लाइट बंद हो गई हैं। एयरपोर्ट सात महीने पहले शुरू हुआ था। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले ही अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। अयोध्या लगातार खबरों में बना हुआ है। हाल ही में यहां से राम मंदिर की छत से पानी टपकने, रामपथ में गड्ढे पड़ जाने, रामपथ से लाइटें चोरी होने की खबरें आई थीं। जमीन को लेकर हुए घोटाले की खबरें पहले ही आ चुकी हैं। अब व्यापारिक गतिविधियों के धीमा होने की सूचनाएं आ रही हैं। जिसका संकेत एयरपोर्ट पर कोई हलचल न होने से भी मिल रहा है।
प्री मानसून की पहली किश्त ने ही अयोध्या में चल रहे क़रीब बत्तीस हज़ार करोड़ रुपए के विकास कार्यों और राम मंदिर निर्माण की कलई खोल दी । रामलला पर पानी टपक रहा है और रामपथ पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई दे रहे हैं । साधु संत और प्रशासन एक दूसरे को भ्रष्टाचारी और गुंडा मवाली बता रहे हैं
अयोध्या से राम मंदिर को लेकर अच्छी खबरें नहीं हैं। वहां के मुख्य पुजारी का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा को अभी सिर्फ 6 महीने हुए हैं और छत से पानी टपक रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने फोटो डाले हैं कि राम पथ पर यानी रास्तों पर गड्ढे हो गए हैं। बारिश से दीवार का कुछ हिस्सा गिर गया है। एक महंत का गनर वापस ले लिया गया है, क्योंकि महंत ने फैजाबाद के डीएम से बहस कर ली थी।
भाजपा अयोध्या में चुनाव हार गई। उसके समर्थक अयोध्या यानी फैजाबाद लोकसभा सीट के हिन्दुओं को नमकहराम और न जाने किन-किन विशेषणों से सुशोभित रहे हैं। लेकिन अयोध्या में टूटे हजारों मकानों-दुकानों से आते चीत्कार को राम को लाने वाले सुनने को तैयार नहीं। स्तंभकार और जाने-माने चिंतक अपूर्वानंद ने अयोध्या की हार-जीत पर विचारों का फौलादी हथौड़ा चलाया है। देशभक्तों के लिए एक जरूरी लेखः
किसी देश का महाबली अपने मतदाताओं को संबोधित कर रहा है। वो अपने संबोधन में क्या-क्या कहता है, जानिए। देश के मौजूदा हालात पर देश के जाने-माने पत्रकार मुकेश कुमार का यह व्यंग्य बहुत सामयिक है। पढ़िए और पढ़ाइएः
संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ के साथ शनिवार को राम मंदिर पर प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इस प्रस्ताव को किसी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा, अलबत्ता एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यह सवाल जरूर उठाया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी एक ही समुदाय के पीएम हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भाजपा के अगले एजेंडे को स्पष्ट कर दिया है। उनका कहना है कि अयोध्या के बाद हमारा अगला लक्ष्य मथुरा और काशी हैं। यह बात उन्होंने किसी धार्मिक मंच पर नहीं, बल्कि यूपी विधानसभा के अंदर कही। यह अलग बात है कि अयोध्या में बाबरी मसजिद गिराए जाने के बाद भाजपा और आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि अब आगे कुछ नहीं। लेकिन हिन्दू संगठन 22 जनवरी के बाद इस मुद्दे पर आक्रामक हैं। ज्ञानवापी मसजिद के तहखाने में कोर्ट ने पूजा शुरू करा दी है और योगी आदित्यनाथ ने पार्टी की मंशा भी बता दी है। जानिए पूरा विवादः
नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद क्या राम मंदिर का मुद्दा अब चर्चा से गायब हो गया है? आख़िर नीतीश कुमार से बीजेपी को क्या फायदा होगा और क्या नीतीश को भी कुछ फायदा मिल पाएगा?
अयोध्या में भव्य राम मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी को उनके मंत्रिमंडल ने उन्हें जननायक घोषित कर दिया। हालांकि आमतौर पर जननायक जनता घोषित करती है। लेकिन इतनी पेशबंदी के बावजूद भाजपा और पीएम मोदी आश्वस्त नहीं हो पा रहे हैं कि आखिर जनता ने इस इवेंट को राजनीतिक तौर पर कितना ग्रहण किया है। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग क्या कहना चाहते हैं, समझिएः
75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित किया है। अपने 23 मिनट के संबोधन में उन्होंने जहां एक राम मंदिर का जिक्र किया है वहीं कर्पूरी ठाकुर को भी श्रद्धांजलि दी है।
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भले की 22 जनवरी को हो गई है, लेकिन राम मंदिर की भावना को अप्रैल तक कम नहीं होने दी जाएगी। जानिए, आख़िर कैसे लोगों को जोड़े रखने की आरएसएस परिवार की योजना है।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है बीजेपी का ट्रंप कार्ड ? क्या राम भरोसे मोदी बनेंगे तीसरी बार प्रधानमंत्री ? क्या विपक्ष के पास है मोदी के इस दांव का कोई जवाब ? आशुतोष के साथ चर्चा में विजय ग्रोवर, राकेश सिन्हा, मोनिदीपा बनर्जी, अजय आशिर्वाद, सबा नकवी और करन वर्मा ।
अयोध्या में राम मंदिर को आम जनता के लिए मंगलवार 23 जनवरी को खोल दिया गया। लोग मंदिर में जाने के लिए रात को ही अयोध्या पहुंच गए थे। मंगलवार सुबह भारी भीड़ देखी गई।
Satya Hindi news Bulletin | राम मंदिरः पीएम मोदी ने कहा- गुलामी की मानसिकता से मुक्ति | रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद फूट- फूटकर रोने लगी साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और प्रधानमंत्री मोदी का भाषण क्या कहता है? क्या भारत पाकिस्तान की तर्ज़ पर धार्मिक देश बनने जा रहा है? क्या हिंदुत्ववादी राजनीति की बढ़ती ताक़त लोकतंत्र के लिए बड़ा ख़तरा है? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- श्रवण गर्ग, प्रो. अपूर्वानंद, प्रो. आदित्य मुखर्जी-