प्रधानमंत्री को उनके ही मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पारित करके ‘जननायक ‘ घोषित कर दिया है। जनता को भी अब ऐसा ही प्रस्ताव पास कर देना चाहिए ! देश में इस समय क्रांतिकारी परिवर्तनों की बयार बह रही है ! स्वीकार कर लिया जाना चाहिये कि पंद्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी नहीं बल्कि 22 जनवरी अब नये भारत देश के जन्म और उसके गणतंत्र बनने की तिथि है। प्रधानमंत्री दे देश और दुनिया को जानकारी दी है कि 22 जनवरी का सूरज एक अद्भुत आभा लेकर उदित हुआ है और एक नए कालचक्र का उद्गम है। उसके उत्सव के शुभ क्षण से आगे आने वाले हज़ार वर्षों के लिए भारत की नींव रखी जानी है।