अपने पाला बदल कार्यक्रम से नीतीश कुमार चाहे जो अच्छे-बुरे रिकॉर्ड बना रहे हों, भारतीय राजनीति में उनके माध्यम से बदलाव का एक दिलचस्प दौर शुरू हुआ है जिस पर गौर करने की जरूरत है। यह उनके नौ बार मुख्यमंत्री बनने या श्रीबाबू का रिकॉर्ड तोड़ने जैसे हिसाब से अलग और बड़ा है। अपने मित्र योगेंद्र यादव जैसे राजनीति और चुनाव के विशेषज्ञ भी उनके पाला बदल की चर्चा में इन पक्षों की चर्चा नहीं करते हैं। नीतीश कुमार या भाजपा को एक अनैतिक गठबंधन के लिए कोसना, इंडिया गठबंधन के भविष्य की चर्चा करना, सरकार पलट के पीछे चले खेल और दांव-पेंच की चर्चा करना और कारणों का अनुमान लगाना जरूरी है लेकिन यह सब अनजान नहीं रह गया है।