दो तीन महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में राम मंदिर उद्घाटन का असर कितना होगा? इस संदेह को दूर करने की भी पूरी तैयारी लगती है। राम मंदिर की भावना को कमजोर नहीं होने देने के लिए कई स्तर पर तैयारियाँ की जा रही हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख योजना तो यह है कि देश भर से लाखों लोगों को राम मंदिर की तीर्थयात्रा कराई जाए।
राम मंदिर के आसपास व्यापक गतिविधि बनाए रखने के उद्देश्य से आरएसएस और भाजपा सहित संघ की विभिन्न शाखाएँ आने वाले महीनों में 50 लाख से अधिक लोगों को मंदिर के दर्शन के लिए अयोध्या ले जाएंगी। सामूहिक तीर्थयात्रा कार्यक्रम 17 अप्रैल को पड़ने वाली राम नवमी तक जारी रहेगा। यह वही समय है जब लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहे होंगे या ख़त्म होने को होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर उद्घाटन के आसपास समारोहों के पैमाने को देखते हुए लोकसभा चुनावों में अयोध्या भाजपा का प्रमुख मुद्दा बनने जा रहा है। समझा जाता है कि जहाँ मंदिर मतदाताओं के एक बड़े वर्ग के लिए एक निर्णायक कारक होगा, वहीं कई लोगों के लिए, यह कई मुद्दों में से एक होगा।
यही वजह है कि अयोध्या को लेकर खास रणनीतियाँ बनाई जा रही हैं। अयोध्या को लेकर तीर्थयात्रा भी इनमें से प्रमुख है। द हिंदू ने बीजेपी के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि इन तीर्थयात्रा कार्यक्रमों का उद्देश्य 22 जनवरी को हुए मंदिर के अभिषेक के बाद भी राम मंदिर के आसपास की भावनाओं को जीवित रखना है। यह फ़ैसला पिछले सप्ताह पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक के दौरान लिया गया। दिसंबर 2023 में बीजेपी प्रमुख जे.पी. नड्डा ने पार्टी विधायकों और सांसदों को पूरे भारत से श्रद्धालुओं को अयोध्या दौरे की सुविधा देने का निर्देश दिया था।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने द हिंदू को बताया कि पार्टी राम मंदिर दौरे के लिए फंड नहीं देगी बल्कि केवल उन लोगों को सुविधा मुहैया कराएगी जो अयोध्या आना चाहते हैं। बीजेपी के उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने द हिंदू से कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र से लगभग 14,000 लोगों को अयोध्या ले जाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने उन यात्राओं को वित्तपोषित करने की भी योजना बनाई है।
उत्तराखंड के भाजपा प्रवक्ता मनवीर सिंह चौहान ने भी कहा कि पार्टी ने लोगों के लिए अयोध्या की यात्रा के लिए विशेष बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की है।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि संगठन 27 जनवरी से 22 फरवरी के बीच राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन से जुड़े एक लाख परिवारों को मंदिर के दर्शन कराएगा। उनका कहना है कि उनके रहने और खाने का खर्च विहिप उठाएगा और उनको सिर्फ़ आने जाने की यात्रा का ख़र्च उठाना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट मंत्रियों से फरवरी में अयोध्या का दौरा करने से परहेज करने का आग्रह किया है ताकि तीर्थयात्रियों को वीआईपी मूवमेंट के कारण किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
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