राज्यसभा से लेकर लोकसभा तक विपक्ष नयी ऊर्जा से भरपूर दिख रहा है। राहुल का जवाब देने पीएम मोदी, अमित शाह से लेकर मंत्री तक देने उठ रहे हैं। सभापति को सदन से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा? आख़िर इसकी वजह क्या?
संसद भवन परिसर में पत्रकारों की आवाजाही प्रतिबंधित होने का मुद्दा तब चर्चा में आया था जब राहुल गांधी ने इस मुद्दे को संसद में उठाया था। जानिए, इसको लेकर प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने क्या कहा है।
भारत की राजनीति के लिहाज से 2023 कैसा रहा? जो घटनाक्रम हुए उसमें संसद, सरकार और न्यायपालिका में किस तरह के घटनाक्रम देखे गए? कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष ने क्या हासिल किया और बीजेपी का रुख कैसा रहा?
बुधवार 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगा कर लोकसभा में घुसने वाले दोनों आरोपियों और संसद के बाहर नारेबाजी करने वाले उनके दो सहयोगियों को गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया।
संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में अब सामने आ रहा है कि इसमें 4 नहीं बल्कि 6 लोग शामिल थे। ये सभी लोग विभिन्न राज्यों से हैं और एक ही मकसद से एक जगह एकत्र हुए थे।
बुधवार को संसद की सुरक्षा में बड़ी सेंध का मामला सामने आया। दोपहर करीब एक बजे लोकसभा की कार्यवाही के दौरान विजिटर गैलरी से दो युवक नीचे सदन में कूद गए और पीले रंग का धुंआ वाली कोई गैस छोड़ दी। इससे पूरी संसद में अफरातफरी का माहौल हो गया।
राज्यसभा में सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर और धारा 370 के मुद्दें पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कश्मीर समस्या के लिए नेहरु को जिम्मेदार ठहराया है।
4 दिसंबर से शुरु हुआ संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर तक चलेगा। इस तरह से संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिन तक चलेगा। इस दौरान सरकार करीब 20 विधेयकों पर चर्चा कर सकती है। सरकार की कोशिश होगी कि इनमें अधिक से अधिक विधेयक पास करवाए जाए।
नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को पीएम मोदी और लोकसभा स्पीकर करेंगे लेकिन देश के 19 राजनीतिक दलों ने इसके बहिष्कार की घोषणा कर दी है। लेकिन इसी के साथ यह जानना जरूरी है कि नया संसद भवन और इसके पीछे और क्या विवाद रहे। क्या वाकई नए संसद भवन की जरूरत है।
लोकसभा और राज्यसभा में फिर से हंगामा हुआ। लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने स्पीकर के आसन पर कागजात फेंके। विपक्षी सांसदों ने राहुल और अडानी के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे। लेकिन दोनों सदनों में चर्चा नहीं होने दी गई। इस पर विपक्षी सांसदों ने जबरदस्त नाराजगी जताई।