“हमारा संविधान हमारे वर्तमान और भविष्य का मार्गदर्शक है. मैने उस मर्यादा का पालन करने की कोशिश की जो संविधान ने मुझसे माँगी थी; मैंने उसका अतिक्रमण करने की कोशिश नहीं की. संविधान से मिली शक्ति के तहत ही पहली बार आज जम्मू-कश्मीर में संविधान दिवस मनाया जा रहा है”, यह कहते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर संविधान की मूल प्रति को माथे लगाया. याद कीजिये जब सन 2014 में पहली बार पीएम के रूप में संसद में प्रवेश किये तो भी मोदी ने संसद की चौखट पर शाष्टांग दंडवत किया था.
मोदी राज में कहाँ गयी संवैधानिक मर्यादा?
- विश्लेषण
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- 29 Mar, 2025
भारतीय संसद और भारतीय संविधान दांव पर लगे हुए हैं। याद कीजिए 2014 का वो सीन, जब मोदी ने बतौर पीएम संसद में जाने से पहले दंडवत प्रणाम किया था। आज उसी संसद और संविधान की मर्यादा तरह-तरह से तार-तार की जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह की टिप्पणीः
