भारत आख़िर युद्धविराम के लिए सहमत क्यों हुआ, वह भी तब जब पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारतीय सेना का शानदार अभियान चल रहा था, पाकिस्तानी हमले नाकाम हो रहे थे, लाहौर में पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम तहस-नहस कर दिया गया था और भारतीय सेना की धमक का अहसास पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय रावलपिंडी तक था? आख़िर भारत ने ऐसा फ़ैसला क्यों किया जिसमें यह ऐसे युद्धविराम के लिए सहमत हुआ जिसकी कथित तौर पर अमेरिका ने मध्यस्थता की। भारत द्विपक्षीय मामलों में मध्यस्थता का विरोध करता रहा है। तो सवाल वही है कि आख़िर भारत ने क्या सोचकर युद्धविराम के लिए हामी भरी?
दरअसल, 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने इस तनाव को भड़काया। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी सैन्य कार्रवाई की। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव ने एक बार फिर वैश्विक ध्यान खींचा, खासकर जब दोनों देशों के बीच सैन्य झड़पें परमाणु युद्ध की आशंका तक पहुँच गईं।