साल के आख़िरी महीना यानी दिसंबर में एक बड़ा तमाशा हुआ। संसद की बैठक से 146 अर्थात क़रीब पूरे विपक्ष को लोकसभा और राज्यसभा की करवाई से बाहर निकाल दिया गया। देश की आज़ादी के बाद ये पहला मौक़ा था जब संसद लगभग विपक्ष विहीन हो गया। आइए समझते हैं कि विवाद किस मुद्दे पर था।

भारत की राजनीति के लिहाज से 2023 कैसा रहा? जो घटनाक्रम हुए उसमें संसद, सरकार और न्यायपालिका में किस तरह के घटनाक्रम देखे गए? कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष ने क्या हासिल किया और बीजेपी का रुख कैसा रहा?
13 दिसंबर को दोनों सदनों की कार्रवाई अपेक्षाकृत तौर पर शांति पूर्वक शुरू हुई। सबसे पहले संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले में शहीद सुरक्षा कर्मियों को दोनों सदनों में श्रद्धांजलि दी गयी। दोपहर एक बजे से कुछ ही पहले लोकसभा के दर्शक दीर्घा से दो युवक सदन के भीतर कूद गए और रंगीन गैस छोड़ना शुरू किया। दोनों को सांसदों ने ही पकड़ कर सुरक्षा कर्मियों के हवाले कर दिया। जाहिर है कि ये संसद की सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी। बाद में विपक्षी सांसदों ने इस घटना पर सदन में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से बयान की मांग की। उनकी मांग नहीं मानी गयी। दोनों सदनों में हंगामा चलता रहा। धीरे धीरे करके 146 विपक्षी सदस्य दोनों सदनों से निकाल दिए गए। ये अभूतपूर्व घटना थी।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक