साल के आख़िरी महीना यानी दिसंबर में एक बड़ा तमाशा हुआ। संसद की बैठक से 146 अर्थात क़रीब पूरे विपक्ष को लोकसभा और राज्यसभा की करवाई से बाहर निकाल दिया गया। देश की आज़ादी के बाद ये पहला मौक़ा था जब संसद लगभग विपक्ष विहीन हो गया। आइए समझते हैं कि विवाद किस मुद्दे पर था।