बुधवार को संसद की सुरक्षा में बड़ी सेंध का मामला सामने आया। दोपहर करीब एक बजे लोकसभा की कार्यवाही के दौरान विजिटर गैलरी से दो युवक नीचे सदन में कूद गए और पीले रंग का धुंआ वाली कोई गैस छोड़ दी। इससे पूरी संसद में अफरातफरी का माहौल हो गया।
ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भी वे यहां तक पहुंचने में कैसे कामयाब हुए। वे दोनों लोकसभा की कार्रवाही देखने के नाम पर पहुंचे थे। अब सामने आ रहा है कि वे विजिटर गैलरी तक जिस विजिटर पास के जरिए पहुंचे थे उसे भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय ने जारी किया था। प्रताप सिम्हा कर्नाटक के मैसुरु सीट से सांसद हैं।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रताप सिम्हा कर्नाटक के मैसूर से सांसद हैं। सिम्हा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में मैसूरु निर्वाचन क्षेत्र से 43.46 प्रतिशत वोटों के साथ विजय हासिल की थी।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में भी उनका वोट शेयर बढ़कर 52.27 प्रतिशत हो गया। इस तरह से देखे तो वह अपने लोकसभा क्षेत्र में काफी लोकप्रिय नेता हैं। 42 वर्षीय प्रताप सिम्हा राजनीति में आने से पहले पत्रकार थे। उन्होंने 2007 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी भी लिखी थी। वह पीएम मोदी को अपना आदर्श मानते हैं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पत्रकार से राजनेता बने प्रताप सिम्हा पहले भी विवादों में रह चुके हैं। पिछले साल प्रताप सिम्हा ने मैसूर-ऊटी रोड पर बने एक बस स्टॉप को गिराने की चेतावनी दी थी।
तब प्रताप सिम्हा ने सोशल मीडिया पर लिखा था, "मैंने सोशल मीडिया पर इस बस स्टॉप को देखा है, यह बस स्टॉप गुंबद की तरह है। बीच में एक बड़ा गुंबद और अगल-बगल छोटे गुंबद। यह मस्जिद जैसा दिखता है। मैंने इंजीनियरों से कहा है कि वे तीन-चार दिनों में इस ढांचे को ध्वस्त कर दें। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो मैं जेसीबी से खुद इसे गिरा दूंगा।
प्रताप सिम्हा वर्ष 2015 में टीपू सुल्तान के जन्मोत्सव समारोह के लिए कर्नाटक सरकार के खिलाफ मुखर थे। तब उन्होंने कहा था कि टीपू सुल्तान सिर्फ इस्लामवादियों के लिए ही आदर्श हो सकते हैं। जन्मोत्सव समारोह मनाए जाने से नाराज सिम्हा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार और सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी किए थे।
कुछ गलत किया है तो उसे फांसी दी जाए
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार को लोकसभा के अंदर सुरक्षा में सेंध लगाने वाले मनोरंजन के पिता देवराज ने कहा है कि अगर मेरे बेटे ने कुछ अच्छा किया है तो बेशक मैं उसका समर्थन करता हूं लेकिन अगर उसने कुछ गलत किया है तो मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं। अगर उसने समाज के लिए कुछ गलत किया है तो उसे फांसी दी जाए। वहीं संसद में घुसपैठ करने वालों की टीम में शामिल और संसद के बाहर से पकड़ी गई एक अभियुक्त नीलम के छोटे भाई ने कहा है कि हमें इस बारे में जानकारी नहीं थी कि वह दिल्ली गई है। हमें जानकारी थी कि वह अपनी पढ़ाई के लिए हिसार में है।
वह सोमवार हमसे मिलने आई थी और कल लौटी है। वह एमए, बीएड, एमएड, एमफिल और नेट उत्तीर्ण है। उन्होंने कई बार बेरोजगारी का मुद्दा उठाया था और किसानों के विरोध प्रदर्शन में भी भाग लिया था।
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