महाराष्ट्र में राजनीति पल-पल रंग बदल रही है। अभी चंद दिनों पहले दोनों एनसीपी यानी चाचा (शरद पवार) और भतीजे (अजित पवार) की पार्टी का विलय होने की खबरें मीडिया में फैली हुई थीं। लेकिन पुणे में गुरुवार 23 जनवरी को जो हुआ, उससे तो कुछ और ही संकेत मिल रहा है।
Rumour mills are churning out stories of re-unification of NCP. Surely that couldn’t be happening without Modi playing his games from behind the scenes.
And if that happens, it will be end of the story for Congress in Maharashtra. After all it is always the Congress on Modi’s target.
क्या अजित पवार को अभी भी बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा अछूत सी लगती है? क्या उनको अपनी पार्टी का जनाधार प्रभावित होने की आशंका है? जानिए, वह संघ मुख्यालय क्यों नहीं गए।
महाराष्ट्र में भले ही बीजेपी, शिंद की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी गठबंधन तय होने की बात पहले से ही कहते रहे हैं, लेकिन क्या गठबंधन में अंदरुनी घमासान नहीं मचा है? जानिए, माहीम सीट पर अजीबोगरीब स्थिति क्यों।
महाराष्ट्र चुनाव में 70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले की चर्चा फिर शुरू हो गई है। इस मामले में आरोपों के घेरे में आये डिप्टी सीएम अजित पवार ने खुद इस पर बयान दिया है। हैरानी की बात है कि कभी अजित पवार की गिरफ्तारी की मांग करने वाले डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस चुप हैं। भाजपा चुप है। जबकि करप्शन का यह मुद्दा भाजपा ने उठाया था।
चुनाव चिह्न घड़ी के इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार खेमे को झटका दिया है? जानिए, इसने फ़ैसले में क्या कहा और अजित पवार खेमे के लिए क्या शर्त लगाई।
लोकसभा चुनाव के बाद से ही महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन में खटपट के कयास लगाए जाते रहे, लेकिन अब अजित पवार ने मौन विरोध-प्रदर्शन की बात कही। जानिए, ऐसा क्यों।
लोकसभा चुनाव बाद क्या अजित पवार गुट पर ख़तरा मंडरा रहा है? चुनाव में ख़राब प्रदर्शन के बाद अजित गुट के विधायकों को लेकर कयास तो लगाए ही जा रहे हैं, क्या छगन भुजबल को लेकर भी एनसीपी में बेचैनी है?
जिस अजित पवार खेमे ने शरद पवार से बगावत कर पार्टी अलग कर ली थी, क्या अब उसी पर संकट मंडराने लगा है? जानिए, शरद पवार के खेमे के उनके पोते रोहित पवार ने क्या दावा किया।
महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों इस बात की चर्चा काफी गर्म है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों विपक्ष के प्रमुख चेहरे शरद पवार और उद्धव ठाकरे को एनडीए में आने की सलाह क्यों दे दी थी।