छगन भुजबल एनसीपी और महायुति गठबंधन के लिए एक पहेली बने हुए हैं। एनसीपी से बाहर निकलने की अटकलों के बीच भुजबल एक बार फिर अपनी पार्टी और महायुति गठबंधन को उलझन में डालते दिख रहे हैं। पहले पार्टी प्रमुख अजित पवार की पत्नी सुंदरा के राज्यसभा नामांकन को लेकर और इस बार मराठा कोटे के मुद्दे पर।
छगन भुजबल से एनसीपी और महायुति सहयोगियों में दरार बढ़ेगी?
- महाराष्ट्र
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- 21 Jun, 2024
लोकसभा चुनाव बाद क्या अजित पवार गुट पर ख़तरा मंडरा रहा है? चुनाव में ख़राब प्रदर्शन के बाद अजित गुट के विधायकों को लेकर कयास तो लगाए ही जा रहे हैं, क्या छगन भुजबल को लेकर भी एनसीपी में बेचैनी है?

वैसे, कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव नतीजों ने अजित खेमे में खलबली मचा दी है। एनसीपी में बँटवारा होने के बाद लोकसभा चुनाव दोनों खेमों के लिए पहली बड़ी परीक्षा था। अजित पवार चुनाव आयोग द्वारा उन्हें पार्टी का नाम और चिह्न दिए जाने के बाद पहली चुनावी लड़ाई में अपने चाचा शरद पवार की एनसीपी पर अपना दबदबा बनाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों ने अजित पवार को निराश कर दिया। महायुति के सहयोगियों- भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के बीच तनाव बढ़ने की ख़बरें हैं।