एनसीपी (शरद चंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने रविवार को कहा है कि भाजपा शरद पवार को राजनैतिक रूप से खत्म करना चाहती है। इस उद्देश्य से ही बारामती लोकसभा सीट पर उनके खिलाफ उनकी भाभी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारने की साजिश रची है।
बारामती लोकसभा सीट से उनके खिलाफ उनकी भाभी सुनेत्रा पवार को उतारना भाजपा की चाल है। उन्होंने कहा है कि मेरी लड़ाई किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि उनकी मानसिकता और नीतियों के खिलाफ है। सुप्रिया सुले ने कहा कि आपने मुझे पिछले 18 वर्षों से राजनीति में देखा है कि मैंने कभी किसी पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है।
सुप्रिया सुले ने कहा है कि लोकसभा चुनाव और परिवार के अंदर की इस लड़ाई से भाभी सुनेत्रा पवार के प्रति उनका सम्मान कम नहीं होगा। बड़ी भाभी मां की तरह होती हैं और वह हमेशा मेरे लिए मां के जैसी रहेंगी।
एनसीपी (शरद चंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सुप्रिया सुले के खिलाफ एनसीपी अजीत पवार गुट ने बारामती सीट से सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतार दिया है। 30 मार्च को एनसीपी अजीत पवार गुट ने सुनेत्रा पवार को इस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
अजीत पवार शरद पवार के भतीजे हैं वहीं सुप्रिया सुले शरद पवार की बेटी हैं। सुनेत्रा पवार अजीत पवार की पत्नी है, इस नाते वह सुप्रिया सुले की भाभी हैं। ऐसे में इस लोकसभा सीट पर इस बार के चुनाव में रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।
इस लोकसभा सीट पर ननद और भाभी के बीच ही मुकाबला होगा। सुप्रिया सुले इस लोकसभा सीट पर तीन बार सांसद रह चुकी हैं। उन्होंने इस सीट पर पहली बार 2009 में, फिर 2014 में और 2019 में लगातार तीन बार जीत दर्ज की है।
माना जाता है कि बारामती लोकसभा सीट शरद पवार के परिवार का गढ़ रहा है। अजीत पवार इस परिवार से ही आते हैं इसलिए उनकी भी इस लोकसभा क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। वहीं सुप्रिया सुले शरद पवार की बेटी हैं और उनकी राजनैतिक विरासत की उत्तराधिकारी मानी जाती हैं। तीन बार की सांसद रही हैं इसलिए उनकी भी इस सीट पर मजबूत पकड़ मानी जाती है।
ऐसे में राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। इस सीट पर सुप्रिया सुले को हरा कर एनसीपी अजीत पवार गुट और भाजपा एनसीपी शरद पवार गुट को बड़ी शिकस्त देना चाहती है।
अगर वे ऐसा करने में कामयाब रही तो एनसीपी शरद पवार गुट को इससे बड़ी राजनैतिक चोट पहुंचाने में कामयाब हो जायेगी। इससे यह भी माना जायेगा कि अब शरद पवार के समर्थक अजीत पवार के साथ हो चुके हैं।
वहीं अगर सुप्रिया सुले इस लोकसभा चुनाव में जीतती हैं तो यही माना जायेगा कि एनसीपी के पुराने वोट बैंक पर उनकी पकड़ बरकरार है और इस लोकसभा सीट की जनता ने एनसीपी अजीत पवार गुट को खारिज कर दिया है। यही कारण है कि इस सीट पर दोनों ही गुट चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है।
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