होली की छुट्टी ख़त्म होने को है। लेकिन अभी भी सोशल मीडिया की मेहरबानी से वह लौट आती है। एक तस्वीर जिसमें एक ऑटो पर बैलून फेंका जाता है और वह असंतुलित होकर उलट जाता है। कितने लोग घायल होते हैं, किस तरह घायल होते हैं, मालूम नहीं। दूसरी तस्वीर जिसमें नदी घाट की सीढ़ियों पर एक युवा दंपति पर भीड़ रंग फेंक रही है। युवती मना करती है, फिर भी रंग फेंका जाता है। युवक मना करता है तो और उत्साह से रंग और पानी फेंका जाता है। भीड़ सीढ़ियों पर हँस रही है, दोनों की परेशानी के मज़े ले रही है। युवक उत्तेजित होकर भीड़ की तरफ़ बढ़ता है, पत्नी उसका हाथ पकड़ती है। भीड़ रंग या पानी फेंकना जारी रखती है। एक तीसरा वीडियो है जिसमें दूसरी और तीसरी मंज़िल के मकानों से बच्चे नीचे लोगों को रंग या पानी भरे बैलून से मार रहे हैं। नीचे से आपत्ति जताने पर बच्चों के पिता या अभिभावक आपत्ति करनेवाले लोगों को ही फटकार रहे हैं। उनका कहना था कि होली में बच्चे यह करेंगे ही।
होली में हुड़दंग!
- वक़्त-बेवक़्त
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- 1 Apr, 2024

क्या होली के पहले प्रशासन यह चेतावनी देता है कि होली में किसी और के साथ ज़बरदस्ती नहीं की जानी चाहिए?
ऐसे वीडियो और तस्वीरें सैंकड़ों की तादाद में हैं जिनमें भीड़ रंग के बहाने औरतों के साथ अश्लील हरकतें कर रही है। ख़ासकर, महिला पत्रकारों के साथ बदतमीज़ी की तस्वीरों के साथ उन तस्वीरों को देखकर तकलीफ़ होती है जिनमें विदेशी औरतों के साथ फूहड़, अश्लील हरकतें की जा रही हैं।