पॉण्डिचेरी यूनिवर्सिटी के ‘डिपार्टमेंट ऑफ़ परफ़ॉर्मिंग आर्ट्स’ के अध्यक्ष को पद से हटा दिया गया है। विद्यार्थियों के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। ‘हिंदू’ अख़बार के मुताबिक़ स्थानीय पुलिस ने भी उनके ख़िलाफ़ स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है। विद्यार्थियों के ख़िलाफ़ हिंसक प्रचार चलाया जा रहा है। महिला विद्यार्थियों को परिसर छोड़कर अपने घर जाने को मजबूर होना पड़ा है क्योंकि उनको यौन हिंसा की धमकियाँ दी जा रही हैं।  

यह सब कुछ एक नाटक के प्रदर्शन के बाद हो रहा है। ठीक यह कहना होगा कि किया जा रहा है। करने वाले 3 तरह की संस्थाएँ हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन जिसने विभागाध्यक्ष को निलंबित किया और उनके और छात्रों के ख़िलाफ़ जाँच बैठा दी, पुलिस जिसने विद्यार्थियों के ख़िलाफ़ तुरत फुरत मामला दर्ज किया। ये दो राजकीय संस्थाएँ हैं। लेकिन तीसरी संस्था ग़ैर राजकीय है जिसके कहने पर इन दोनों ने अध्यापक और छात्रों के ख़िलाफ़ सजा की यह कार्रवाई की।