जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ के चुनाव संपन्न हो गए हैं। 4 साल के बाद होनेवाले इन चुनावों में संयुक्त वामपंथी मोर्चे को जीत हासिल हुई है। ‘जे एन यू’ फिर से लाल हुआ’ जैसे नारे लिखे जा रहे हैं। लेकिन हर पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार कुछ ही अंतर से हारे हैं। इसलिए वे इसे अपनी जीत बतला रहे हैं क्योंकि आपस में मतभेद रहनेवाले वामपंथी उनके डर से एक साथ आए फिर भी उनके और ए बी वी पी के बीच फ़र्क महज़ कुछ सौ मतों का ही रहा। उनका तर्क है कि अगर पहले की तरह वे अलग अलग चुनाव लड़ते तो निश्चय ही ए बी वी पी को विजय हासिल होती।