भारत में लिंचिंग की घटनाएं चुनाव के बाद अचानक बढ़ गईं। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में लिंचिंग की घटना होने पर वहां के सत्ता पक्ष और विपक्ष इसके विरोध में खड़े होते हैं। वहां के प्रमुख अखबार संपादकीय लिखते हैं। लेकिन भारत में अब विपक्ष मजबूत होने के बावजूद लिंचिंग पर बोलने से कतरा रहा है। मीडिया ने ऐसी घटनाओं का नोटिस लेना छोड़ दिया है। जाने माने स्तंभकार अपूर्वानंद पूछ रहे हैं यह किस किस्म का समाज हैः