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लिंचिंग के विरोध में सड़कों पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन।

पटना विवि के लॉ कॉलेज कैंपस में छात्र की लिंचिंग; क्या राजनीति वजह?

पटना विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज परिसर में एक छात्र को क़रीब 10-15 लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। वह स्नातक के अंतिम वर्ष में पढ़ाई कर रहे थे। सोमवार को जैसे ही परीक्षा देकर बाहर निकले अज्ञात लोगों के एक समूह ने हॉकी स्टिक, लोहे, ईंटों और डंडों से पीट-पीट कर हत्या कर दी। परिजनों ने पटना छात्र संघ चुनाव को लेकर हत्या की आशंका जताई है। लेकिन पुलिस का कहना है कि पिछले साल दशहरा पर डांडिया कार्यक्रम में झड़प को लेकर यह हत्या की गई है। पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ़्तार किया है। हत्या के विरोध में छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया।

मृतक की पहचान बी एन कॉलेज में पढ़ने वाले फंक्शनल इंग्लिश वोकेशनल कोर्स के स्नातक छात्र हर्ष राज के रूप में की गई है। पुलिस के मुताबिक, परीक्षा देकर जैसे ही हर्ष बाहर निकले, लॉ कॉलेज कैंपस के ऑडिटोरियम के पास 10 से ज्यादा लोगों ने उस पर हमला कर दिया। मृतक छात्र वैशाली जिले का रहने वाला था और बोरिंग कैनाल रोड इलाके में किराए के मकान में रहता था।

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पुलिस ने हत्या के आरोपी को पकड़ने का दावा किया है। पुलिस ने कहा कि यह हमला पिछले साल दशहरा के दौरान एक डांडिया कार्यक्रम में हुए विवाद के कारण हुआ था। पुलिस के अनुसार दो समूहों के बीच लड़ाई हुई और तनाव बना रहा। इसके कारण इस हमले की योजना बनाई गई।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार सिटी एसपी (पूर्व) भरत सोनी ने कहा, 'कल लॉ कॉलेज परिसर में एक जघन्य अपराध हुआ। कुछ असामाजिक तत्वों ने एक छात्र हर्ष राज को इतनी बुरी तरह पीटा कि बाद में उसकी मौत हो गई। हमने एक विशेष जांच दल का गठन किया। हमने अब मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने हमले की योजना बनाई थी। उसका नाम चंदन यादव है, जो पटना कॉलेज का अंतिम वर्ष का छात्र है। उसने अपराध कबूल कर लिया है और हम अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए काम कर रहे हैं।'

इधर, मृतक के दोस्त और परिजनों का कुछ और कहना है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार नाम न छापने का अनुरोध करते हुए मृतक के एक मित्र ने कहा कि 'उनकी हत्या का संभावित कारण इस साल के अंत में होने वाला पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव लड़ने का निर्णय हो सकता है। वह सामाजिक सरोकारों में भी काफी सक्रिय थे और कोरोना काल में उन्होंने कई लोगों की मदद की। वह लोकनायक युवा परिषद के नाम से एक संगठन भी चलाते थे और छात्रों के बीच उनकी काफी अच्छी पकड़ है।
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पुलिस ने उनके पिता अजीत कुमार की शिकायत पर एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। रिपोर्ट के अनुसार अजीत कुमार ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने बेटे को पीयूएसयू चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा था लेकिन वह ऐसा करने पर अड़ा था।

रिपोर्ट के अनुसार वह लोकसभा चुनाव में (रामविलास) प्रत्याशी शांभवी कुणाल चौधरी के लिए लगातार समस्तीपुर में प्रचार कर रहे थे।

चौधरी ने एक बयान में कहा है, 'हर्ष राज समस्तीपुर चुनाव के दौरान और उससे पहले भी एक भाई के रूप में हमेशा मेरे साथ मजबूती से खड़े रहे। वह अब हमारे साथ नहीं हैं। पटना लॉ कॉलेज में कुछ असामाजिक तत्वों ने उनकी हत्या कर दी है। हम प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि इस हत्या की गहनता से जांच की जाए और दोषियों की जल्द से जल्द पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।'

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इस घटना को लेकर विपक्ष ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बीजेपी-जेडीयू सरकार की आलोचना की है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जब से एनडीए सरकार बनी है तब से कानून व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। प्रशासन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए।' उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'अगर हमारे कार्यकाल में ऐसा हुआ होता तो वे सड़कों पर उतरते और 'जंगलराज' चिल्लाते। अब वे कहां हैं? वे क्या कर रहे हैं?' 

बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने अपनी और हर्ष की एक तस्वीर पोस्ट की है और कहा है कि हमले की जितनी भी आलोचना की जाए वह पर्याप्त नहीं है। जेडीयू नेता ने कहा, 'मैं इस घटना के संबंध में अधिकारियों के संपर्क में हूं। दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।'

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क़मर वहीद नक़वी
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