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अलीगढ़ लिंचिंग का फाइल फोटो

अलीगढ़ लिंचिंगः 10 दिनों बाद मरने वाले के खिलाफ उल्टा 'डकैती' का केस दर्ज

अलीगढ़ लिंचिंग केस में मारे गए पीड़ित युवक पर उल्टा केस दर्ज किया गया है। एक आरोपी की मां ने दावा किया है कि पीड़ित मोहम्मद फरीद उर्फ औरंगजेब सीढ़ियों से गिर गया और चोटों के कारण उसकी मौत हो गई। हालांकि 10 दिनों पहले हुई घटना में मीडिया ने यही रिपोर्ट किया था कि फरीद अपने दोस्त रोहित के घर उससे मिलने गया था। जब वो लौटने लगा तो कुछ लोगों ने शोर मचाकर लोगों को जमा कर लिया और उस भीड़ ने फरीद को मार डाला। शहर के मामू भांजा इलाके में हुई इस घटना से इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था।

इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों पर केस दर्ज किया था। उनमें राहुल मित्तल नामक अभियुक्त की मां लक्षी मित्तल ने शनिवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिसके आधार पर फरीद और आठ अन्य के खिलाफ डकैती के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई।

 
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राहुल मित्तल की मां ने पुलिस में जो एफआईआर लिखाई है, उसके मुताबिक “18 जून की रात को, फरीद उर्फ ​​​​औरंगजेब हमारे घर में घुस आया और हमारा कीमती सामान लूटने से पहले मेरे साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की। जब मेरे परिवार के सदस्यों ने उसका पीछा किया, तो वह संतुलन खो बैठा, सीढ़ियों से गिर गया और बाद में चोटों के कारण उसकी मृत्यु हो गई।” पुलिस के पास इस बात का जवाब नहीं है कि घटना के दस दिनों बाद राहुल के परिवार को डकैती, लूटपाट और छेड़छाड़ की याद क्यों आई। 
अलीगढ़ लिंचिंग का सीसीटीवी फुटेज मौजूद है। लेकिन पुलिस ने मृतक और अन्य आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (एक महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल) और 395 (डकैती) के तहत मामला दर्ज किया है।"

फरीद के अलावा, उनकी ओर से जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें छह नामित और दो अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं। हालाँकि, उसके परिवार द्वारा दो सप्ताह पहले दर्ज की गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि वह काम के बाद घर लौट रहा था जब कुछ स्थानीय लोगों ने उसे घेर लिया और उसकी पिटाई की, उन पर चोरी का संदेह था।

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अलीगढ़ के पुलिस अधीक्षक एम शेखर पाठक के अनुसार, पुलिस मौके पर पहुंची। 35 वर्षीय व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था और उसे मलखान सिंह अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

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क़मर वहीद नक़वी
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