राष्ट्रवादियों को शायद खबर नहीं है कि उत्तर भारत के अलावा भी कई राज्यों में बहुत कुछ चल रहा है, जिससे वहां के जातीय समूह बेचैन है। हर समय तनाव, बेचैनी और हिंसा में देश को व्यस्त करने वाले राजनीतिक दल की पहचान उसके झंडे से नहीं, इन तीन कारणों से पहचान सकते हैं तो पहचानिए। कोई मुश्किल काम नहीं है। प्रख्यात चिंतक और स्तभंकार अपूर्वानंद ने बहुत बेबाकी से उस राजनीतिक दल की हरकतों का विश्लेषण पेश किया है। जरूर पढ़िए और पढ़ाइएः