गुरुवार की शाम राजस्थान
के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जुनैद और नासिर के परिजनों से मुलाक़ात करने पहुंचे। परिवार
से मिलने पहुंचे गहलोत ने कहा कि भरतपुर के दो युवकों के अपहरण एवं उन्हें कथित
रूप से जलाने की घटना के आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। भरतपुर जिले के
घाटमीका गांव पहुंचे मुख्यमंत्री ने दोनों मृत युवकों जुनैद तथा नासिर की पत्नियों
एवं बच्चों के लिए पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता की भी घोषणा की।
इस दौरान मुख्यमंत्री
ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों को त्वरित न्याय दिलाने की हरसंभव कोशिश की जाएगी,
आरोपियों को भी जल्दी ही गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने हरियाणा सरकार से भी अपील
की कि मामले को गंभीरता से ले।
पीड़ित परिवारों से
मिलने के बाद गहलोत कहा, ‘घटना इतनी ह्रदय विदारक है, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। जिस तरह से युवकों को अपहृत किया गया और मारपीट की गई, जिस रूप में (हरियाणा में) थाने ले जाए गए और थाने वालों ने उसे स्वीकार नहीं
किया और आगे क्या हुआ किसी को नहीं मालूम।
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत बड़ी घटना है और सरकार ने इसे उसी प्रकार से लिया है। उन्होंने कहा कि मैंने
खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री से बात की जिन्होंने इस घटना में शामिल लोगों को
गिरफ्तार करवाने में मदद का आश्वासन दिया है। घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी
आरोपियों को पकड़ा नहीं जा सका है। मैं इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री से अपील
करता हूं कि वे इस घटना को और ज्यादा गंभीरता से लें, क्योंकि पूरे देश में इस
घटना की चर्चा है।’ उन्होंने कहा कि बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने तथा पीड़ित
परिवारों को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए दोनों
राज्यों में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) स्तर पर भी लगातार बातचीत हो रही है।
अशोक गहलोत ने कहा कि आरोपी गिरफ्तार हों, उनको फांसी की सजा हो चाहे फिर घटना चाहे उदयपुर की हो या यह। ऐसी करतूत करने वाले लोगों को फांसी से कम सजा होनी ही नहीं चाहिए।
गहलोत ने कहा कि पीड़ित
परिवार को न्याय सुनिश्चित कराने के लिए इस घटना की जांच ‘केस ऑफिसर स्कीम’ के तहत
की जाएगी। योजना के अंतर्गत एक कानूनी अधिकारी को नियुक्त कर आरोपियों को गिरफ्तार
करने से लेकर चालान पेश करने और बाकी कानूनी प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से पूरा
किया जा सकेगा और इसकी प्रभावी निगरानी हो सकेगी। पुलिस की ओर से त्वरित प्राथमिकी
दर्ज कर केस को आगे बढ़ाया जाएगा। इस हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस
सक्रियता से कार्य कर रही है।
अशोक गहलोत ने कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय सुनिश्चित कराने के लिए इस घटना की जांच ‘केस ऑफिसर स्कीम’ के तहत की जाएगी।
सरकार दोनों युवकों
की पत्नियों तथा बच्चों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देगी। इस सहायता
राशि में से एक-एक लाख रुपये की राशि नकद दी जाएगी बाकि बचे चार-चार लाख रुपयों की
फिक्स डिपॉजिट (एफडी) कराई जाएगी।
सरकार बच्चों को उचित
शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए भी प्रतिबद्ध है। पीड़ित परिवार को हर सभंव सहायता दी
जाएगी। पीड़ित परिवारों को शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान द्वारा 5-5 लाख रुपए एवं पंचायत समिति पहाड़ी द्वारा 50-50
हजार रुपए की सहायता राशि पहले ही उपलब्ध करवाई
जा चुकी है। इसके साथ, दोनों परिवारों को पीड़ित प्रतिकर योजना के
तहत अन्तरिम सहायता के रूप में 1.25 लाख रुपए प्रति परिवार उपलब्ध करवाए
जाएंगे। जिसकी स्वीकृति दी जा चुकी है।
पीड़ित परिवारों से मिलने
पहुंचे गहलोत के साथ साथ शिक्षा राज्य मंत्री और स्थानीय विधायक जाहिदा खान, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह,
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह
डोटासरा, मुख्य सचिव उषा शर्मा और पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा भी थे।
ज्ञात हो कि बीते 15
फरवरी को राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के रहने वाले नासिर (25) और जुनैद (35) के बुरी तरह जले शव हरियाणा के भिवानी जले हुए मिले थे। इन दोनों का एक दिन
पहले 15 फरवरी को कथित गोरक्षकों ने अपहरण कर लिया था। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने
एक आरोपी रिंकू सैनी को 17 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इस हत्याकांड
का मुख्य आरोपी मोनू मानेसर अभी तक फरार है, जिसकी गिरफ्तारी को रोकने के लिए उसके
समर्थन में हरियाणा भर में महापंचायतें हो रही हैं। उसे हिंदू गौरव के तौर पर प्रचारित
किया जा रहा है। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस का मुखबिर
भी बताया गया था।
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