देश में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या दो लाख के पार हो गई है और दुनिया में भारत सातवें नंबर पर आ गया है, लेकिन अभी भी देश में संक्रमण शिखर पर नहीं पहुँचा है। यानी संक्रमण के मामले अभी काफ़ी ज़्यादा आएँगे।
लॉकडाउन बढ़ने या छूट देने की घोषणा करने अब प्रधानमंत्री मोदी टीवी पर नहीं आ रहे हैं। कोरोना का सामाजिक संक्रमण शुरू हो गया है। शैलेश की रिपोर्ट में देखिए मोदी की बोलती क्यों बंद है।
यदि आपको एटीएम, लिफ्ट, एलिवेटर, दरवाज़े, खिड़कियों जैसी चीजों से कोरोना संक्रमण का ख़तरा है या इसकी आशंका है तो बेहतर है कि सीधे उन्हें नहीं छूआ जाए। इसके लिए 'आउट-की' उपकरण भी आ गया है।
एक ख़बर सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा दी गई यह जानकारी है कि देश को अब कोरोना के वायरस के साथ ही जीना सीखना होगा। इस ख़बर को बहस में आने ही क्यों नहीं दिया गया?
देश में कोरोना वायरस का सबसे पहला पॉजिटिव मामला केरल में 30 जनवरी को आया था और अब वहाँ 7 मई को एक भी नया मामला नहीं आया है। तो यह चमत्कार कैसे हुआ? केरल ने कौन सा मॉडल अपनाया?
चीन के एक शहर वुहान से पूरे विश्व के कोने-कोने में पहुँची कोविड-19 नाम की इस बीमारी ने तो ज़िंदगी के मायने ही बदल दिये। आख़िर दुनिया इसे रोक क्यों नहीं पा रही है?
केंद्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु एप को ज़रूरी कर दिया है। यानी हर कर्मचारी को अब अपने मोबाइल फ़ोन में इस एप को इंस्टॉल क़रना आवश्यक होगा।
दुनिया आज जब कोविड-19 की महामारी से जूझ रही है तब उसके पास मानवता की रक्षा के लिए जन-जन की सेवा करने वाला न कोई महात्मा गाँधी है और न ही कोई मदर टेरेसा।
हाल ही में अमेरिका की प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी और दिल्ली की एक संस्था के शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि भारत को कोरोना वायरस से मुक्त करने का सर्वश्रेष्ठ तरीक़ा यह है कि इसकी आधी से ज़्यादा आबादी को कोरोना वायरस से संक्रमित करा दिया जाए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस जल्दी ख़त्म नहीं होगा और यह काफ़ी लंबे समय तक रहेगा। इसने चेताया है कि देश इस मामले में कोई ग़लती नहीं करें।
कोरोना का युद्ध इतना गंभीर है कि यह पूरा पिछला एक महीना हम सब लोग अंदरुनी सवालों से ही जूझते रहे। फिर भी यह तो मानना पड़ेगा कि इस कोरोना-संकट के दौरान भारत की विश्व-छवि बेहतर ही हुई है।
कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित उत्तरी दिल्ली के जहाँगीरपुरी में एक परिवार के 26 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। यह तब है जब केंटेनमेंट क्षेत्र घोषित होने के कारण वह क्षेत्र पूरी तरह सील है।