आज सुबह जब मैं अपनी गाड़ी से निकला तो मैंने पाया कि काफ़ी कुछ नज़ारा बदला हुआ है। सभी सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। इनसान और जानवर दोनों ही सड़कों से नदारद थे। एक महामारी ने सब कुछ पलट कर रख दिया। कभी न रुकने वाले इंसानी क़दमों में तो जैसे बेड़ियाँ ही पड़ चुकी हैं। चीन के एक शहर वुहान से पूरे विश्व के कोने-कोने में पहुँची कोविड-19 नाम की इस बीमारी ने तो ज़िंदगी के मायने ही बदल दिये।
कोरोना ने इंसानों की अक्ल ठिकाने ला दी कि बेतरतीब विकास किसी काम का नहीं!
- पाठकों के विचार
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- 1 May, 2020

चीन के एक शहर वुहान से पूरे विश्व के कोने-कोने में पहुँची कोविड-19 नाम की इस बीमारी ने तो ज़िंदगी के मायने ही बदल दिये। आख़िर दुनिया इसे रोक क्यों नहीं पा रही है?
बहुत सारे देशों के सामने तो इस तरह की मुसीबत शायद पहले कभी आई ही नहीं होगी। विश्व की शक्ति का केंद्र माना जाने वाला यूरोप आज प्रकृति के सामने किस तरह से घुटने टेक चुका है जगज़ाहिर है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जिस देश का कोई मुक़ाबला नहीं है उसके सामने प्रकृति ने जो अपना रूप दिखाया है उसे देख कर समस्त दुनिया काँप उठी है।
विशाल मानवीय त्रासदी के शुरू होने का तो सही वक़्त तय किया जा चुका है पर इसके थमने की उम्मीद अभी काफ़ी दूर है। कह सकते हैं कि यह इतनी आसानी से जाने वाली नहीं है जितनी आसानी ये यह कोरोना महामारी आई।